देशभर में लोगों को राहत देने वाली बड़ी खबर सामने आई है। लंबे समय से बढ़ती महंगाई के बीच आखिरकार सरकार ने Petrol और Diesel के दाम घटा दिए हैं। तेल कंपनियों ने नए रेट जारी कर दिए हैं, जिससे आम जनता को रोजमर्रा के खर्चों में बड़ी राहत मिलेगी।
अब सस्ता हुआ ईंधन
सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती की घोषणा की है। नई दरों के मुताबिक, अब पेट्रोल और डीजल ₹2 से ₹3 प्रति लीटर तक सस्ता हो गया है। यह बदलाव 1 नवंबर 2025 से देशभर में लागू हो गया है।
कई महानगरों में यह राहत साफ दिखाई दे रही है —
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दिल्ली में पेट्रोल अब करीब ₹94.72 प्रति लीटर और डीजल ₹87.45 प्रति लीटर हो गया है।
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मुंबई में पेट्रोल की कीमत ₹104.21 प्रति लीटर, जबकि डीजल ₹92.73 प्रति लीटर मिल रहा है।
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चेन्नई और कोलकाता में भी क्रमशः ₹2.10 और ₹2.50 प्रति लीटर की कमी देखी गई है।
आम जनता को बड़ी राहत
तेल के दामों में यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब सब्जियों, LPG और अन्य जरूरी वस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही थीं। Petrol और Diesel के सस्ते होने से परिवहन लागत कम होगी, जिससे आगे चलकर चीज़ों के दामों में भी स्थिरता आने की उम्मीद है।
ऑटो सेक्टर और लॉजिस्टिक कंपनियों ने भी सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस फैसले से न केवल फ्यूल खर्च घटेगा बल्कि मार्केट में डिमांड भी बढ़ेगी।
क्यों घटाए गए दाम?
जानकारी के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में गिरावट आई है। पिछले कुछ हफ्तों से Brent Crude की कीमत $90 प्रति बैरल से घटकर $84 प्रति बैरल पर आ गई है। इसी के चलते सरकार ने घरेलू स्तर पर भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कमी का निर्णय लिया।
इसके अलावा, सरकार ने त्योहारी सीजन को देखते हुए जनता को राहत देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले कुछ हफ्तों तक यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतें स्थिर रहीं, तो ईंधन की दरों में और भी कटौती संभव है।
राज्यों में अलग-अलग कीमतें
भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर राज्य में अलग-अलग होती हैं, क्योंकि इसमें केंद्र और राज्य सरकार के टैक्स का फर्क होता है। उदाहरण के लिए, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में टैक्स ज्यादा होने के कारण कीमतें अन्य राज्यों की तुलना में थोड़ी अधिक रहती हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली में कीमतें तुलनात्मक रूप से कम हैं।
Experts की राय
एनर्जी सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कटौती लंबे समय तक टिक सकती है अगर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें नियंत्रित रहीं। उनका यह भी कहना है कि सरकार की कोशिश रहेगी कि आने वाले कुछ महीनों तक ईंधन की कीमतें स्थिर रखी जाएं, ताकि बाजार में स्थायित्व बना रहे।
भविष्य में क्या होगा असर
फ्यूल प्राइस घटने से सीधा फायदा ट्रांसपोर्ट और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मिलेगा। इससे वस्तुओं की सप्लाई आसान होगी और कीमतों पर भी नियंत्रण रहेगा। वहीं, लोगों की जेब में थोड़ी राहत आने से मार्केट में खपत बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कटौती जनता के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकती है। सरकार के इस कदम से जहां ट्रांसपोर्ट और बिजनेस सेक्टर को फायदा होगा, वहीं आम उपभोक्ता को भी सीधा लाभ मिलेगा। अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो आने वाले समय में और भी सस्ता फ्यूल देखने को मिल सकता है।